कुंडलिया छंद ----- दिलबाग विर्क

Posted on
  • Thursday, March 3, 2011
  • by
  • डॉ. दिलबागसिंह विर्क
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  • हम हिंदू ,तुम मुस्लमान, क्यों सोच है ऐसी
      भाई - भाई  क्यों  नहीं , बने  भारतवासी  .
      बने  भारतवासी , एक - दूसरे के दुश्मन 
      धर्म मिलाता सदा , यहाँ बाँट रहा है मन .
      छोडो संकीर्णता , सबसे बड़ा मानव धर्म 
      कहता ' विर्क ' सबसे , पहले इन्सान हैं हम .

                   * * * * *
                    ----- sahityasurbhi.blogspot.com

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